Menu
blogid : 8015 postid : 1236245

यही तो है महिला का सम्मान

all indian rights organization
all indian rights organization
  • 821 Posts
  • 132 Comments
महिला ने निश्चित रूप से अपने स्थान को बदला है …..
हमारा देश ही है जो मानता है कि जहा नारी की पूजा होती है वही देवता निवास कर ते है पर ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी की टी बी से मर गयी पत्नी को इस देश में कोई दूसरा देवता इस देश में मिला ही नहीं और मिलता भी कैसे आखिर पति आज भी देवता है जो दाना देवता बन कर अपनी मृतक पत्नी का शरीर उठा कर भागा आखिर वो कैसे ये सिद्ध होने देता कि देश में अब देवता नहीं बचे है | स्वतंत्र भारत में आज मरी औरत को पति कंधे पर लेकर दौड़े और अस्पताल से गाड़ी ना मिले तो कोई जरूरत नहीं कहने कि भारत में स्त्री की स्थिति में सुधार तो हुआ है भला कोई दुसरे देश में मरी औरत को लेकर दौड़ता है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अभी दाना मांझी अपनी पत्नी का देवता बन ही रहा था कि ओडिशा की एक ८० साल की माँ ने दम तोड़ दिया पर कर्मचारियों ने उसकी लाश को उठाने का कोई प्रबंध नहीं किया और इस देश में एक माँ की लाश अकड़ गयी अब इस देश में औरत अकड़ दिखाए तो भला कहा बर्दाश्त !!!!!!!!!!!!!!!!!!! महिला सशक्तिकरण की परीक्षा जरुरी थी बस पुरुष कर्मचारी ने उस बूढी माँ की अकड़ ( लाश ) को निकलने के लिए उसके हाथ और पैर की हड्डी तोड़ डाली और ये देखो अपनी हड्डी तुडवा कर वो औरत चुप रही ( कौन देखता है कि वो लाश है ) बस और क्या चाहिए था औरत अपनी औकात में रहे और उसकी औकात को गठरी में बांध कर फिर एक डंडे में बांध कर बालासोर रेलवे स्टेशन लाया गया अब कौन नहीं मानेगा कि देश में महिला की स्थिति बदली है | इस देश में ४३ हज़ार ८ सौ महिलाये हर साल माँ बनने के दौरान अधिक रक्त स्राव के कारण मर जाती है मैंने सर्कार को पत्र लिखा उत्तर दिया गया कि आपने बताया नहीं कि आपने किसी औरत के सन्दर्भ में ये शिकायत की है मैंने कहा कि जब देश में सभी भाई बहन है तो वो ४३ हज़ार ८०० महिलाये भी मेरी बहन ही है पर कार्यवाही नहीं कि गयी अब कौन कह सकता है महिला की स्थिति बदली नहीं है कम से कम उनको बहन जी वाली इमेज से तो छुट्टी मिली | और सबसे बड़ी बात कि आज महिलाओ को २०११ के बाद फिर से हाजी अली की दरगाह में जाने की अनुमति मिली वैसे तो इसको भी धर्म के विरुद्ध माना जा रहा है पर ये तो पक्का है कि इस देश में महिला को मंदिर मस्जिद में जाने के लिए लड़ना पड़ रहा है तो इसी लिए क्योकि हम उसको देवी मानते रहे है अब देवी को पुरुष अपने बराबर कैसे मान ले और इसी लिए अब औरत देवी नहीं औरत बनने के लिए लड़ रही है | मानिये न मानिये ये तो पक्का है कि औरत की स्थिति वास्तव !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! में बदली है तभी तो ओ पी जैशा पानी पानी चिल्लाती रही और ४२ किलोमीटर की मैराथन दौड़ में ओलंपिक में उसको पानी देने वाला कोई नहीं वो २ घंटे बेहोश रही उसको ७ बोतल गुलुकोज चढ़ाया गया भारत की बेटी भूखी प्यासी मरने की कगार पर खडी रही तो उसकी स्थिति तो इस देश में बदली वैसे औरत औरत की दुश्मन और होती है और उसके साथ दौड़ने वाली उसके देश की एक एनी मैराथन महिला जो १२० वे स्थान पर रही उसने कहा कि ये आरोप झूठ है अब इस देश के लोग बेवक़ूफ़ तो है नहीं पर उन्होंने और तकी झूठी तारीफ करने में हमेशा विश्वास रखा है इसी लिए देश की सरकार से नहीं कह रहे है कि इसमें क्या ओलंपिक से मैराथन का विडियो मंगा लीजिये पता चल जायेगा कि सच क्या है जूठ क्या है ???? वैसे सरकार ने कहा है कि इस पर जाँच की जरूरत नहीं है अब आप बताइए कि क्या इस देश में लड़की की स्थिति नहीं बदली है आरे सच कहा जाये तो इसी दिन के लिए हम सब जी रहे थे ताकि ऐसी ही महिला का देश बनाया जाये वैसे आप स्वतंत्र भारत में किसी महिला की लाश की हड्डी तोड़ रहे है या नहीं आखिर महिला की इज्जत का सवाल है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या आप नहीं चाहते कि आपके देश में देवता रहे !!!!!!!!!!!!!!तो आपको ऐसी पूजा तो करनी ही पड़ेगी ( व्यंग्य ) डॉ आलोकचान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply