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दुकानों से खरीदे गए रिश्ते

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घरो से रिश्ते नदारत … दुकान से खरीद कर लाये गए रिश्ते (व्यंग्य )
बचपन में देखता था कि सावन शुरू होने पर माँ अपने हाथ से रुई को बंटती थी और कोई गाना भी गुनगुनाती थी और स्वान के अंतिम दिन वो रीई का धागा तैयार हो जाता था एक नाम के साथ जिसे हम सब रक्षा बंधन कहते थे |
भविष्य पुराण में पहली बार रक्षा बंधन का जिक्र हुआ है जिसमे देवासुर संग्राम के समय अपने पति इंद्र की युद्ध में रक्षा के लिए उनकी पत्नी शची / शुची उनके हाथ में ये रक्षा कवच बांधती है पर आज जब घरेलु हिंसा , तलाक और पत्नी के साथ अत्याचार जैसा शब्द जुड़ गया है तो नैतिकता और मूल्यों वाले देश में इतना तो शेष है ही कि रक्षा बंधन का त्याहार अब पति पत्नी के बीच का त्यौहार नही रहा पर त्यौहार तो मनाना ही था और देश में रिश्तो की कमी तो है नहीं और रक्षा बंधन भाई और बहन के बीच का त्यौहार बन गया क्योकि इस देश में विवाहित महिला की सुचिता और चरित्र को इतना खतरा नहीं था क्योकि हमारे दिमाग में महिला के सम्मान से ज्यादा ये बात भरी रहती है कि हम जुहता नहीं खाते है अब इससे बड़ा प्रमाण क्या दिया जाये कि हमारे दिमाग में महिला सदैव से ही उपभोगता वादी संस्कृति का चेहरा रही है पर आप ये क्यों मानने लगे ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा जो इस देश में आया वो था अविवाहित लडकियों पर और उनकी रक्षा कौन करे मणि बात है सड़क पर वो हमेशा से असुरक्षित रही है तो एक भाई ही बचा जो अपनी बहन को बचा सकता है और इसी लिए इस देश में अकबर के समय चलायी गयी खटोला पद्ध्ति में ( इसमें जिस लड़की को हरम में बुलाना होता था उसके घर के सामने एक खटोला रख दिया जाता था ) भाइयों का कर्तव्य ज्यादा बढ़ गया वैसे देश की जौहर प्रथासे भी प्रमाणित है कि इस देश में औरत को उसके शरीर से ऊपर कभी सोचने का मौका नहीं दिया गया पर आज ऐसा नहीं है अब न तो महिल एके पास समय है कि सशक्तिकरण के दौर में वो एक महीना राखी बनाये और ना ही भाई के फुर्सत है कि वो राखी बंधवाए वैसे आप ये तो जानते है कि घर के खाने में जो मजा है वो रोज रोज होटल के खाने में नहीं है पर रक्षी के मामले में आपकी दलील बदल जाती है क्योकि घर से बाहर बाज़ार में राखी ज्यादा अच्छी बिकती है वैसे बजार में हमें सब कुछ अच्छा ही लगता है और इसी लिए सदियों से इस देश की संस्कारी महिलाये अपने पतियों के बाजारू रिश्तो से जार जार होती रही है और न जाने कितने कोठो पर देश के पुरुषो ने घुंघरू की आवाज में अपनी रात गुजार डी ऐसे में अगर आज हम सबको सब कुछ बजा रका अच्छा लगने लगा है तो हर्ज क्या है जिस बाज़ार ने महिलाओ का जीना हराम कर रखा था उसी बाज़ार से सब कुछ लेने का दर्शन अपना कर महिलाओ ने क्या गलती कर दी( खैर आप चुप ही रहेंगे) और क्यों न महिला बाज़ार से रिश्ता खरीदे क्योकि इस देश में उसको एक अदद पति भी अपने पिता के द्वारा चुकाए गए दहेज़ से ही मिलता है और कोई आश्चर्य नहीं कि खरीदने के बाद भी पति खोटा निकल जाये वो जिस महिला के पिता ने उसको खरीद कर दिया उसको मारे पिटे पर जब वो अपने पिता भाई से अपने अत्याचार को बताये तो वो कहे कि अब जो बड़ी मेहनत से एक बार खरीद कर दे दिया है उसी से किसी तरह काम चलाओ अब हमारी हिम्मत नहीं है दूसरा लाने की और आप मानेंगे नहीं इसी विवशता और पुर्ष का असलीचेहरा पहचान कर हमारी संस्कृति में कहा गया कि लड़की की डोली जिस घ रमे जाएगी अर्थी भी उसी घर से उठनी चाहिए अब ऐसे रिश्ते की खरीद फरोख्त इ लड़की क्यों न रिश्ता दुकान से खरीद कर लाये क्योकि उसको मार पीट तलाक शोषण कोर्ट कचेरी सब कुछ अकेले ही झेलना है क्योकि उसके साथ तो कोई है ही नहीं ऐसे में लड़की ने लाही जब समाज ने रिश्ता बाजारू बना दिया तो लड़की क्यों ना दुकान से रिश्ता खरीदे !!!!!!!!! ये आपका नहीं उस लड़की का बड़प्पन है जो ऐसे बंधन को जिन्दा रखना चाहती है जो एक सदी लाश से ज्यादा कुछ नहीं है पर आप क्या इतना कड़वा सच मानने लगे क्योकि आपको तो प्रमाण की आदत है तो लीजिये वो भी दिए देता हूँ ……….. भाई बहनों के देश में हर ८ म्मिनत पर एक लड़की के साथ बलात्कार होता है यानि देश की हर लड़की को २४ घंटे या १४४० मिनट में १८० बार इस बात का दर लगा रहता है कि कही उसके साथ बलात्कार न हो जाये | हर ३० मिनट में एक लड़की जिन्दा मार डी जाती है यानि हर लड़की को २४ घंटे में ४८ बार ये डर लगा रहता है कि वो कही मार न जाये जाये | हर ३ मिनट मिनट में एक लड़की छेड़ छाड़ का शिकार होती है यानि २४ घंटे ने वो ४८० बार इस दर में जीती है कि कही उसके साथ कोई बदतमीजी न कर दे और हर १२ मिनट पर आपके घर को वंश देने की जुगत में अधिक रक्त स्राव के कारण एक माँ अपना दम तोड़ देती है यानि इस देश में माँ बनने वाली हर लड़की २४ घंटे में १२० बार इस भय में जीती है कि कही बच्चे को जन्म देने में उसकी मौत न हो जाये ………इतने भय के बीच भी वो आपको भाई मान रही ई और अपने धर्म को याद रखे है ये उसकी महानता है पर अब उसके अंदर आपके लिए वो सरसता नहीं है इसी लिए वो दुकान से एक रिश्ता हर साल खरीद लाती है कि शायद आपको कभी याद आये कि वास्तव में रिश्तो का मतलब क्या है ( पर आप क्यों याद करने लगे अच्छा है सब कुछ भूलारहे कम से कम लड़की के साथ कुछ भी हो जाये आपके सर तो कुछ नहीं आना ) और दुकानों से खरीदे गए रिश्तो में आपने एक लड़की की मदद भले न की हो पर करोडो बहनों ने राखी की एक ऐसी बाज़ार व्यवस्था बना डी जिसमे हर साल अरबो रुपये की राखी मिठाई बिक जाती है और जो लोग इन बहनों के कारण इस देश में धन कुबेर बनते है वो भी कभी किसी लड़की की चीख सुनकर सामने नहीं आते और ना ही वो सोच पाते कि इसी बहन के कारण मेरे जीवन में लक्ष्मी आई है क्योकि किसी दिन इस लड़की ने मेरी दुकान से एक रिश्ता खरीदा था ( पर आप ऐसा क्यों सोचे हर खरीदी गयी वस्तु की वारंटी होती है गांरंटी होती है और राखी की गारंटी तो सिर्फ खरीदते समय थी बहन दुकान से उतरी और गारंटी ख़त्म ) वैस एकाहिये कुछ भी बाज़ार की बात ही अलग है देखिये कितनी सुदर और चमकीली राखी रथ की शोभा बाधा रही है कौन कहता कई इस देश में लड़कियों की संख्या घाट रही है कोई कलाई खाली है अब वो बात अलग है कि इतनी पवित र्राखी का भार इतना ज्यादा है कि आपकी कलाई में मोच आ गयी होगी और इसी लिए जब आप राखी बंधवा रहे थे तब देश में किसी लड़की का बलात्कार हो रहा था , कोई लड़की मारी जा रही थी और कोई छेड़ी जा रही थी वरना क्या मजाल जो इस देश में कोई किसी लड़की के साथ कुछ कर पाए ( चलिए जब मोच ठीक हो जाये तो देश की लड़कियों के लिए सोचियेगा जरुर ) आज सारी दुकाने खाली थी क्योकि देश में कल ही सारे रिश्ते बिक गए और घरों में सज गए ..चलिए देखते है एक साल तक कितना असरदार रहा ये रिश्ता …( देखिये अब मेरी बात मानिये ना मानिये पर पैसा देकर खरीदी गयी राखी का पूरा लाभ जरुर लीजियेगा क्योकि अगले साल तक ही इसकी बैट्री प्रभावी रहेगी पर न इसकी वारंटी है न गारंटी समझ रहे है ना आप !!!!!!!!!!!!!)

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