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उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद में स्टाम्प के गोरख धंधे को अखिल भारतीय अधीकर संगठन ने रोका…………….
जमीन और माकन कहीदने की चाह वो भी लखनऊ में सभी को होती है और इसके लिए सरकारी रूप से उपरोक्त परिषद और लखनऊ विकास प्राधिकरण ही अधिकृत है | आवास अवं विकास लोगो को किश्त पर मकान और भूखंड देकर पहले कुल जमीन या मकान की लगत का ७ प्रतिशत स्टाम्प लेकर करार या अनुबंद करता है और जब किश्त अदा हो जाती है तो फिर विक्रिय विलेख लिखने के लिए पुनः बाजार भाव से कीमत लगा कर ७ प्रतिशत स्टाम्प की मांग अवन्ति से करता है और पहले लिए गए स्टाम्प को निकाल कर जो शेष बचता है उस पर रजिस्ट्री करता है | संगठन को ये बात ठीक नहीं लगी कि एक ही अवन्ति से दो दो बार एक ही जमीन पर स्टाम्प लिया जाना तो गलत है पर शुरू हुआ सुचना अधिकार के हथियार का प्रयोग \ सुचना आयोग में सहायक आयुक्त डॉ अनिल सागर को तलब भी किया गया पर उन्होंने समझा दिया कि ऐसा तो होता है और सुचना आयुक्त श्री अरविन्द सिंह बिष्ट को भी इसमें कोई गलत बात नहीं नज़र आई और केस खत्म हो गया | उत्तर प्रदेश स्टाम्प अधिनियम नाम से क़ानूनी किताब जहां देखो वह बिक रही है मैंने भी खरीदी और उसका हवाला देकर स्टाम्प सहायक महानिरीक्षक को लिखा इस धांधली के बारे में | उनका जवाब आया ऐसा कोई एक्ट ही नहीं है फिर मैंने प्रदेश के ुख्यमन्त्री से पूछा तो वह से भी जवाब आया कि उत्तर प्रदेश स्टाम्प अधिनियम २००८ बना तो था पर आज तक प्रभावी नहीं हुआ अब आप किताब बेचने वाले बैमनो के बारे में खुद सोच लीजिए | फिर मैंने भारतीय स्टाम्प अधिनियम १८९९ की अनुसूची १ ख के अनुच्छेद २३ के अनुसार पूछा मुख्य्मंत्री जी से कि एक ही अवन्ति से दो दो बार स्टाम्प किस नियम में लिया जा रहा है | सरकार को भी लगा कि कुछ तो गड़बड़ है और उन्होंने आवास विकास परिषद को लिखा और उसकी का जवाब आज आया और इसको लिखा है अपर आवास आयुक्त अवं सचिव श्री रूद्र प्रताप सिंह ने जिसे आप देख सकते है उन्हने संगठन को सूचित किया कि दो बार स्टाम्प नहीं लिया जा सकता है अब आप सोचिये कि परिषद ने अब तक कितने आवंटियों को दो दो बार स्टाम्प लेकर कितनी बार ठगा होगा | मैंने मीडिया से भी इस बात को उठने को कहा पर मीडिया अपने किसी और कार्य में व्यस्त रहा पर लगातार ७६५ दिन तक लिखा पढ़ी करने के बाद आज संगठन आपको जागरूक करने के लिए ये पोस्ट लिख रहा है कि जब भी आप किसी भूमि या मकान का एक बार स्टाम्प अदा कर दे तो उसी जमीन या मकान के लिए दोबारा स्टाम्प अदा करने की जरूरत नहीं है शर्त ये है की जब भी आपने स्टाम्प दिया हो वो कुल लगत का ७ प्रतिशत हो तभी दोबारा लेना गलत है …..संगठन सदैव आपको जागरूक करने के लिए तत्पर है आइये संगठन के साथ और देश को जागरूक कीजिये …डॉ आलोक चान्टिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन
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