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अखिल भारतीय अधिकार संगठन और उच्च शिक्षा उत्थान समिति के विधिक प्रयास के आगे अंततः कानपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घुटने टेके और स्ववित्तपोषित शिक्षको को बनाया गया मूल्याङ्कन कर्ता | लेकिन ये लड़ाई इतनी आसान भी नहीं थी शिक्षको को नौकरी से निकालने की धमकी उनका वेतन काट लेने की धमकी आदि के बाद अंततः संघ के संयुक्त प्रयास से मेहनत रंग लायी और जिस उद्देश्य को लेकर लड़ाई शुरू हुई थी वो खत्म हो गयी | मैं अखिल भारतीय अधिकार संगठन के माध्यम से अभी कहता हूँ कि देश के कानून और संविधान को पढ़ो और उचित तरीके से उनकी व्याख्या कीजिये कोई भी व्यक्ति विधि और संविधान से ऊँचा नहीं है और ऐसा व्यक्ति तो कतई नहीं है जो स्वयं अपनी पत्नी को गलत तरीके से शिक्षक बनवाना चाहता हो और दुसरे शिक्षको को नियम का पाठ पढ़ाये , आज जब मुझे ये खबर मिली तो मैं खुश हुआ क्योकि संगठन अपने उद्देश्य में एक एक कदम आगे बढ़ रहा है ……….धन्यवाद सभी को सहयोग के लिए ..डॉ आलोक चान्टिया
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