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फूल ले लो फूल शौचालय वाले फूल

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फूल ????????????? ले लो फूल फूल शौचालय का !!!!!!!!!!!!!!!!!!
हा हा फुल लीजिये मुहं .क्योकि फूल वोभी शौचालय का !!!!!!!!!!!!!!!! फूल कोई गंदगी वाली चीज़  थोड़ी ना है !!!!!!!!!!! फूल तो सेज़ पर सजने के लिए होते है ……………पर लायेंगे तो सुलभ शौचालय से ही ना !!!!!!!!!!!!!!!!! चलिए सेज़ के लिए ना सही किसी की अंतिम यात्रा पर ही सही ……………..तो लाना तो पड़ेगा सुलभ शौचालय से ही ना ????????? मुझे ऐसे घूर कर क्यों देख रहे है ???/अच्छा मैं आपको पागल लग रहा होउंगा !!!!!!!!!!!!! हा हा मैं क्या कोई भी पागल जैसा ही लगेगा .क्या आप अपने प्रेम के प्रदर्शन के लिए एक बढ़िया गुलाब डंडी वाला चाहते है !!!!!!!!!!!!!!!!! तो समस्या क्या है ले लीजिये …….सुलभ शौचालय से ……………..अरे भाई साहब ये आप की डलिया से फूल गिर गया है शायद आप पूजा के लिए जा रहे है ???????????????? एक बड़े ही पढ़े लिखे से दिखायी देने वाले साहब बोले जा तो पूजा के लिए ही रहा हूँ और फूल मैंने भी गिरते देखा ..पर आप पूरे पागल लगते है कही गिरे फूल से पूजा होती है !!!!!!!!!!!!!!!!!! जी जी माफ़ कीजियेगा ..पर आप दूसरा फूल सुबलभ शौचालय से ले लीजिये …क्याआआआआआआआआ  आप सर फिरे है क्या ……….आप को मालूम है आप क्या कह रहे है ……….आपको पता है शुलभ शौचालय का क्या मतलब है ???????????? जी जी मैं तो जानता हूँ …………….मैं जानता हूँ वह भी आपके लिए ?????????? वैसे आप तो छुआ छूत, भेद भाव इन सब से दूर है कि फूल कहा बिक रहा हैं इससे आपको क्या मतलब ……दे तो दुनिया वाले बेवजह आपको बदनाम कर रहे है कि आप ऊच नीच मानते है ………………अब उनको भला कौन बताये कि जो व्यक्ति शुलभ शौचालय कि दीवार से सटे फूलो को पवित्र मान कर हर कार्य कर लेता हो वो भला क्या कोई दुराव की भावना रखेगा …….और आप कोई अंधे तो है नहीं जो आपको दिखायी नहीं देता .बहुत नाथ लखनऊ में कितनी लाइट जलती है हर समय ……………और ठीक शुलभ शौचालय के सामने दीवार से लगे फूल बिकते है ………..और मैं दिमाग से संकीर्ण हूँ आप जानते है कि सब कुछ गॉड का बनाया है तो परहेज़ कैसा ?????????????? इसी लिए तो कैसर बाग़ में भी फूल शुलभ शौचालय के सामने बिकते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह हो आप तो इसलिए वहा से ही फूल खरीदते है क्योकि फूल खुशबु जो बिखेरते है और बदबू से आपको नफरत है !!!!!!!!!!!!!!!!!! अरे बहनजी देखिएगा कही ये फूल शुलभ शौचालय वाला तो नहीं ………………आखिर प्रेम का मामला है और प्रेम की शुरुवात शुलभ …………………………………कृपया व्यंग्य समझ कर पढ़े )

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