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आप कूड़ा से ही प्रेम कीजिये …….
आज कुछ नहीं लिखना है क्योकि लिखने के लिए कुछ है ही नहीं वैसे जब से कूड़े से उर्जा पैदा करने की तकनिकी आई है तब से सोशल नेट वर्किंग साईट पर न जाने कितनी रौशनी पैदा हो रही है पर या तो वो किसी के फोटो पर फेकी जा रही है या किसी के शरीर के अंगो पर या फिर और दोस्तों क्या चल रहा है जबकि साफ़ दिखाई दे रहा है कि रूपया इस देश में कूड़ा हुआ जा रहा है और आज उससे उर्जा पैदा करने की जरूरत है पर रूपया तो किसी का भी मार कर जीवन चलाया जा सकता है इस लिए रुपये पर हम सब क्या बात करे रही बात कुछ अच्छा करने की तो रुपये का गिरना क्या हुआ इस देश कुछ तो बढ़ा और वो बढ़ी गरीबी और गरीब पर इस तरह भूखे नंगो से क्या देश को कोई फायेदा नहीं होने जा रहा ???????????? होने जा रहा है आखिर भूखे है तो खाना क्या नहीं खायेंगे ….और इस कूड़े के ढेर से आप ने फ़ूड सिक्यूरिटी बिल जो पैदा कर लिया और यही नहीं इस उर्जा से आप क्या समझते है कुछ अच्छा ही नहीं होगा ????????/// होगा आखिर इन भूखी हड्डियों को ये कैसे भूल सकता है कि जब इनके रोये रोये में आग लगी थी तो आपने इनको २ रुपये में आनाज दिया था अब रूपया चाहे जितना गिरे आपको तो भगवन की तरह हर जगह एक ही रेट पर अनाज मिलेगा ना ????????????? इन्हें इस से भी नहीं मतलब कि रुपये के गिरने से क्या क्या गिर रहा है क्योकि ना तो इनको विदेश जाना है और न इनके बच्चो को कान्वेंट में पढना है और इनको इससे बी नहीं मतलब कि संसद के लोग रुपये के गिरने के बाद भी अपने शान में कोई कमी नहीं आने दे रहे है !!! अब तो आप मान गए ना कि देश में कूड़े से उर्जा असली में कौन पैदा कर रहा है ??????? आप अपने को कूड़ा समझ रहे है तो समझिये मैं कैसे कह सकता हूँ पर सरकार को पता है कि रुपये के कूड़ा होते मूल्य से कूड़ा सी होती जिन्दगी से कितनी उर्जा पैदा करके अगले पांच साल उर्जा पैदा करके माल पुए उडाये जा सकते है !!!!!!!!!!!!! क्या आप के घर बिजली नहीं है तो सरकार क्या करे आप गोबर से बिजली पैदा करिए ना आखिर आप भी तो कूड़े का कुछ उपयोग सीख लीजिये क्या आप दिल्ली में ५४५ कूड़ा घरो से ही इस देश को प्रकाशित करेंगे तो करिए ना किसने रोक आखिर डाकू से चोर से बदमाश से इस देश को हमेशा आशा रही है और इसी लिए तो हम चोर बदमाश डाकू से परहेज़ नहीं करते और इन कूदो से इस देश को रौशनी देना चाहते है क्या अब भी आपको कूड़ा बनने से कोई परहेज़ है ??????????????????????? ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )
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