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आज की सुबह कुछ तंग है ……………परेशान थोडा कोहरे के संग है …………………जुटी है जतन से बाहर के लिए …………..क्योकि पूरब का अपना ही रंग है ………….कुहासा का भी जीवन अपना है …………………उसका भी कोई तो सपना है ………….आज सूरज से उसकी जंग है …………….जीने के उसका अपना ही ढंग है …………………..आप जीवन को यह समझ कर कि उसमे परेशानी नहीं आनी चाहिए जीते है पर सूरज को क्या कम परेशानी है बादल कोहरा सबका सामना करके वह हमारे बीच आता है ………………….तो कहिये सुप्रभात
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