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अँधेरे .उजाले में भी होते है

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अपने दायरे को पाकर सूरज चमकता है …………………..एक ऊचाई पर रहकर ही धधकता है …………………डूबना उसके भी हिस्से में आता है रोज ………………….. रात का रास्ता उसके सामने भी पड़ता है ………….हर कर्म का अपना एक परिणाम होता है …………………..कोई रोकर तो कोई हस कर रोता है ……………….आओ सोच ले इस सुबह के दर्शन को ……………………आलोक भी सबके दामन कुछ तो होता है ……………………..शायद इस सच से हम दूर नही जा सकते की कितना भी पौष्टिक और सुपाच्य भोजन कीजिये पर मल का निर्माण अवश्य होता है ……..उसी तरह से जीवन में चाहे जितना अच्छा बुरा करेंगे …………उसके दुसरे परिणाम भी आयेंगे …………….अगर यह सच है तो कहिये सुप्रभात

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