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आपका नाम क्या है ????????? नाम नाम नाम …..इसी नाम के कारन तो हम बाज़ार के एक ब्रांड बन गए है ……जिसे देखिये वो मनुष्य कम्पनी के प्रोडक्ट ढूढ़ रहा है …को ब्रह्मण माडल , तो कोई क्षत्रिय मोडल ….तो कोई वैश्य , तो कोई गोरा, काला , कैथोलिक, प्रोटेस्टअंत , कोई सुन्नी, कोई शिया ……….और तो और जब से आरक्षण का प्रोडक्शन शुरू हुआ है ….जिसे देखो दलित माडल के लिए ही पागल हुआ जा रहा है ….सब उसको ड्राइंग रूम में सजाने के लिए बेचैन है …………….नाम का फर्क यह हुआ की आदमी को आदमी दिखाई ही देना बंद हो गया ….हम तो बस पाना प्रोडक्ट ढूंढ़ रहे है ….मनुष्य कंप्यूटर बना कर छाती पिटे डाल रहा है ….और खुद नाम के चक्कर में मनुष्य कब से कम्पुटर की तरह रहने लगा …उसको पता ही नही चला …..हा हा आपको क्यों मेरी बात पर विश्वास होने लगा ……….पर क्या आप कम्पुटर नही …तो फिर किस लिए खाप पंचायत लोगो को मार रही है ………क्योकि नाम का सवाल है ….शिया को सुन्नी पा जाये तो काट डाले ……हा मई तो सर फिरा हूँ ही क्योकि नाम के कारण आपको सिर्फ मै में जीने की आदत जो पड़ गई है …….भला हो कम्पुटर देवता का जो तरक्की का ऐसा पाठ पढ़ा रहे है की बस नाम से पहचानो कि सामने खड़ा व्यक्ति पाना है कि नही …………लो लो ये मारा साले को साला बहुत दिनों से मानवता का पाठ पढ़ा कर हमारे धर्म को , हमारी जाति को बर्बाद कर रहा था ……साला कहता है मनुष्य एक है !!!!!!!!!……. साले मनुष्य …एक है तो क्या हम घुइयाँ की जड़ है ………हम सबको एक मानने लगे तो फिर हमारी जाति धर्म का क्या होगा ????????? नाम इसी लिए मिला है की नाम से जान लो की अपना है कि नही और ना हो तो मार दो …वैसे भी जनसँख्या ही तो बढ़ रही है …..मै तो कहता हूँ कि नाम न होता तो विश्व की जनसँख्या न जाने खा पहुच गई होती कम से कम पूरी दुनिया में नाम को लेकर मार काट चलती रहती है ….तो जनसँख्या तो कम होती रहती है …वरना दवा दारू ने लोगो के मरने पर जैसे बैन लगा दिया हो …….नाम के कारण कम से कम जीवन कम्पुटर की तरह है जिसे पो मार दो …खा लो …कोई आंसू नही …कोई दर्द नही …कौन साला अपना था …..मनुष्य तो था नही ….ये तो कोई वैश्य लगता था …नही नही ….ये तो काला था ….वह वह हमारे पूर्वजो का क्या दिमाग था ….जानते थे की आगे युद्ध के लिए कोई बीज बो कर जाया जाये ….तो लीजिये नाम का जहर पीकर नील कंठ हो जाइये ……और मार दीजिये उसको जो आपके नाम ….मतलब जाति, धर्म के नाम से मेल न खाता हो ……भईये ….नाम का मारक अस्त्र संभल का कर रखिये कही भूल गए तो गई भैस पानी में ………नाम से ही टी ओबेचारा एक शक्तिशाली भगवान , अल्लाह , गाड …बन गया और देखिये कैसे आदमियों के बीच फंस कर मंदिर , मस्जिद , और चर्च में कैद किया जा रहा है …जब वह नाम के जाल में आ गया तो फिर आप तो ………………..वैसे आपका नाम क्या है ………… डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन
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